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Raman Lamba in Hindi – भारतीय पूर्व बल्लेबाज रमन लांबा का जीवन परिचय हिंदी में

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Raman Lamba Biography in Hindi – भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाडी रमन लांबा जी एक बेहतरीन भारतीय बल्लेबाज थे जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में 2 जनवरी 1960 को हुआ था. इनके करियर की शुरुआत 1980-81 में अपना दिल्‍ली के लिए रणजी ट्रॉफी का मैच खेल के बाद हुई| रमन लांबा जी ने अपनी क्रिकेट जीवन में चार टेस्ट और 32 वनडे मैच खेले है भारतीय पूर्व बल्लेबाज रमन लांबा जी वर्ष 1986 आस्ट्रेलेशिया कप फाइनल में भारत के लिए एक  दिवसीय खिलाड़ी के रूप प्रस्तुत हुए थे, जहाँ पर रमन लांबा जी ने भारतीय क्रिकेटर कपिल देव द्वारा फेंकी गई गेंद पर अब्दुल कादिर को एक कलाबाजी युक्त कैच लेकर आउट कर दिया था। रमन लांबा जिस इस क्रिकेट मैच में प्रतिस्थापक क्षेत्ररक्षक थे.

इस दिवसीय क्रिकेट मैच में लांबा जी की एक अच्छी शुरुआत रही थी साथ ही इन्होने अपने पहले मैच में 64 रन बनाए थे इसके बाद खेले गए इनके छठवें क्रिकेट मैच में 102 रन बनायें जिसमे एक शतक व 2 अर्द्धशतक पारी के साथ इनकी औसत 55.60 रही जिसमे आस्ट्रेलिया के खिलाफ 278 रन बनायें और मैन ऑफ़ द सिरीज़ के नाम से रमन लांबा को सम्मानित किया गया था, 6 पारियों में रमन लांबा जी स्कोरिंग पैटर्न 64, 01, 20*, 74, 17 और 102 का रहा था|

जवाहरलाल नेहरू सैनेटेनरी कप 1989 के लिए रमन लांबा जी और कृष्णमाचारी श्रीकांत भारत के एक सलामी बल्लेबाज थे इन दोनों बल्लेबाजों की जोड़ी ने दो बार ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ पुरे 100 रन की सलामी साझेदारी की थी|

50 और 100

श्रीलंकाई खिलाड़ियों के खिलाफ रमन लांबा ने 33.67 की औसत से एक मध्यम शुरुआत की परन्तु वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलते हुए इन्होने दो पारियों में मात्र एक रन बना पायें जिसमें वे असफल रहे थी, इस असफलता के चलते लांबा जी के टेस्ट खिलाड़ी के रूप इनके करियर को वस्तुतः समाप्त कर दिया|

रमन लांबा जी ने एक बार फिर टेस्ट खेल में 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ इलेवन वापसी जरुर की परन्तु खेलते समय इन्होने अपनी ऊँगली को नेट के दौरान घायल कर लिया और इस मैच में ज्यादा देर तक खेल नहीं पायें और मोहम्मद अजहरुद्दीन द्वारा प्रतिस्थापित हो गए।

भारतीय पूर्व बल्लेबाज रमन लांबा जी बंगबंधु स्टेडियम में ढाका क्लब क्रिकेट मैच में शॉर्ट लेग पर बिना हेलमेट के खेल रहे थे और जिस समय लांबा जी बल्लेबाजी कर रहे थे उनके सामने मेहराब हुसैन ने गेंद को जोर से फैंका और वह गेंद रमन लांबा जी के सीधा सर में जा कर लगी जिसमे उनकी मृत्यु हो गयी थी यह इतिहार की एक बहुत बड़ी ट्रेजडी रही थी उस समय उनकी आयु लगभग 38 वर्ष की थी जिसमें उन्होंने क्रिकेट के मैदान को हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए थे|

रमन लांबा जी सिर्फ एक अच्छे बाल्लेबाज ही नहीं बल्कि एक अच्छी फील्डिंग के लिए भी मशहूर थे.

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